कोई तो वजह हैं
जो तुम इतना बदल गई हो..
जब तुम खु:श होती हो..
तो मैं बहुत खु:श होता हूँ
तुम्हारी कमी अब ज्यादा महसूस होती हैं
प्रिय तुम होती तो कितना अच्छा होता
तुम्हारे बिना मैं बिल्कुल अधूरा हूँ
तुम्हारे बिना मैं अंदर से मर चुका हूँ..
तुम आ जाओ एक बार
मुझको सहला जाओ..
तुम्हारी कमी महसूस हो रही हैं..
कोई तो वजह हैं
जो तुम इतना बदल गई हो
तुम्हारी हँसी तुम्हारी मुस्कराहट
आज भी याद आती हैं
तुमको याद करके
आज भी मेरे होठो पर मुस्कान आ जाती हैं
अगर तुम मेरे साथ होती
तो क्या कमी होती
तुम न बोली, न कुछ कहा
मेरे प्यार और अपने प्यार को
बहरा, अंधा लंगडा
बनाए रखा
आखों से बाते की
कोई तो वजह होगी
जो तुम इतना बदल गई हो..
तुम इतना क्यूँ खु:श हो जाती हो
मुझे देख
कभी सोचा इस बंजर सूखे प्यार पर
बारिश हो..
नहीं कभी नहीं..
प्यार तो करती हो
लेकिन डरती हो
बँधी हो उन जंजीरो से
जिनसे लोग अक्सर डर जाते हैं
और बाँध भी रखा मुझे भी…
क्यूँकि हम एक दूसरे के पूरक हैं
तुम्हारे बिना पूरा नहीं हूँ…
कोई तो वजह होगी..
जो तुम इतना बदल गई हो…
मंजूहरि,राहुल